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Friday, October 9, 2009

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के हिंगोली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए 9th October 2009



शिविरः हिंगोली(महाराष्ट्र)
दिनांकः 9 अक्टूबर 2009
समयः दोपहर 1 बजे
विपक्ष को गरीबों की बात करते हुए शर्म आती है : राहुल गांधी
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के हिंगोली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में दो हिंदुस्तान बन गया है, एक गरीबों का और एक अमीरों का। हमें एक हिंदुस्तान बनाना है। “एक हिंदुस्तान शहर में रहनेवालों का हिंदुस्तान और एक हिन्दुस्तान गांव में रहनेवाले गरीबों का, किसानों का और दलित-आदिवासियों का हिंदुस्तान। ये फर्क है इन दो विचारधाराओं में। जब मैं गांव जाता हूं, गरीब के घर जाता हूं, आपके घर में खाना खाता हूं, इनको शर्म आती है। ये कहते हैं कि राहुल गांधी गरीबों के घर क्यों जा रहा है, गरीबों का खाना क्यों खा रहा है। शर्म आती है इनको। इग्लैंड से एक मिनिस्टर आय़ा, दिल्ली में मुझसे मिलने आया। उसने मुझसे पूछा कि मुझे हिन्दुस्तान के बारे में समझाओ। हिन्दुस्तान इतनी तेजी से तरक्की क्यों कर रहा है। मैंने कहा कि देखिए कि अगर आपको ये समझना है तो दिल्ली से बाहर आना होगा। आपको गांव तक जाना होगा और आपको किसान से बात करनी पड़ेगी। आपको दलित से बात करनी पड़ेगी वो आपको बताएगा कि हिन्दुस्तान क्यों इतनी तेजी से तरक्की कर रहा है। अगर हिन्दुस्तान आगे बढ़ रहा है तो उनके पसीने से आगे बढ़ रहा है। फिर मैं उसे उत्तरप्रदेश ले गया और गरीब लोगों से उसकी बात कराई। महिलाओं से बात कराई, किसानों से बात कराई। रात तक बात की, खाना खाया वहां। गाड़ी में वापस आते हुए उसने मुझसे कहा कि मैं दिल्ली आता था, बड़े-2 शहरों में जाता था- मुझे हिन्दुस्तान के बारे में कुछ भी नहीं मालूम था। मुझे आप गांव में ले गए, जो शक्ति मैने गांव में देखी, जो शक्ति मैने हिन्दुस्तान की गरीब महिलाओं में देखी-वो मैने कही नहीं देखी आजतक। और आज मेरी समझ में आया है कि हिन्दुस्तान इतनी तेजी से आगे क्यों बढ़ रहा है। अगले दिन मैने अखबार देखे और बीजेपी के सबसे बड़े नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी अंग्रेज मिनिस्टर को गांव लेकर क्यों गया। वहां वो गरीब लोगों को क्यों मिलवा रहा है इनसे। ये गरीबी से शर्माते हैं और ये गरीबी को देखना नहीं चाहते। और मैं गरीब की शक्ति को हिंदुस्तान की शक्ति मानता हूं। मैं कहता हूं कि अगर ये देश आगे बढ़ेगा तो आपके पसीने से ही बढ़ेगा और अगर आपका पसीना लग रहा है तो इस देश की प्रगति का फायदा आप तक पहुंचना चाहिए”।
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